महाराष्ट्र के बाघ से तेलंगाना सीमा पर दहशत, ग्रामीणों में भय का माहौल..
तेलंगाना महाराष्ट्र सीमा
दि. 11 डिसेंबर 2024
रिपोर्ट :- अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पुरी खबर :- कोमराम भीम आसिफाबाद जिले के सिरपुर मंडल के माकोडी रेलवे कैबिन के पास मंगलवार को एक बाघ की उपस्थिति ने स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। अन्नूर गांव के पास रेलवे पटरियां पार करते हुए बाघ को देखा गया, जिसे स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया।
बाघ के हमलों से बढ़ा डर
सूत्रों के अनुसार, यह वही बाघ हो सकता है जिसने कुछ दिन पहले एक महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली। इसके अलावा, एक पुरुष पर भी इस बाघ ने हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इन घटनाओं के बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों ने दी सूचना
मंगलवार को माकोडी रेलवे कैबिन के पास ग्रामीणों ने बाघ को घूमते देखा और तुरंत इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। रेलवे अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है और क्षेत्र में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी दल तैनात कर दिए गए हैं।
हुडिकिली गांव में बछड़े पर हमला
बुधवार सुबह हुडिकिली गांव में एक और घटना ने ग्रामीणों के डर को और बढ़ा दिया। गांव के एक घर के पास बंधे बछड़े पर बाघ ने हमला कर उसे मार डाला। वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ अपनी भूख मिटाने के लिए रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर रहा है।
बाघों की बढ़ती संख्या का संकेत
चंद्रपुर जिले में बाघों की बढ़ती संख्या को वन्यजीव संरक्षण का सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है। वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की कार्य प्रणाली और वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी संवेदनशीलता के चलते महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन यह भी सच है कि अब ये बाघ अपने क्षेत्र का विस्तार करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं।
ग्रामीणों में भय और सुरक्षा की मांग
तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा पर बाघ की उपस्थिति ने ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। वे सरकार और वन विभाग से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने अपील की है कि बाघ को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए ताकि जान-माल की सुरक्षा हो सके।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं और निगरानी दल बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। विभाग ने कहा कि जल्द ही बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाघ की बढ़ती उपस्थिति वन्यजीव संरक्षण की सफलता को दर्शाती है, लेकिन इससे इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की समस्या भी उभरकर सामने आ रही है। प्रशासन के लिए अब जरूरी है कि वह ग्रामीणों की सुरक्षा और बाघ के संरक्षण के बीच संतुलन बनाए।