प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने घुग्घुस नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराया; लॉयड्स मेटल्स के प्रदूषण पर उठे सवाल
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 15 डिसेंबर 2024
रिपोर्ट :- अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पुरी खबर :- चंद्रपुर, 13 दिसंबर: महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPCB) के चंद्रपुर कार्यालय का एक अजीबोगरीब रवैया सामने आया है, जिसमें अधिकारियों ने घुग्घुस के प्रदूषण का जिम्मेदार नगर परिषद को ठहराया है। यह मामला घुग्घुस स्थित लॉयड मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के प्रस्तावित विस्तार से जुड़ा हुआ है, जिसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल और वनविभाग से त्वरित रिपोर्ट सादर करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बावजूद, प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जवाब देते हुए प्रदूषण के लिए घुग्घुस नगर परिषद को दोषी ठहराया है, जबकि पहले खुद इस उद्योग को प्रदूषण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
लॉयड्स मेटल्स के विस्तार पर उठे सवाल
सितंबर 2024 में, लॉयड मेटल्स द्वारा प्रस्तावित विस्तार के खिलाफ पर्यावरणीय जनसुनवाई आयोजित की गई थी। इस जनसुनवाई में पर्यावरणवादी और स्थानीय लोग चिंतित थे कि विस्तार से प्रदूषण में और वृद्धि होगी, जिससे घुग्घुसवासियों का जीवन और भी कठिन हो जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन चिंताओं पर ध्यान देने का वादा किया था।
स्वराज्य रक्षक सामाजिक संस्था के अध्यक्ष मनोज पोतराजे ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने विस्तार से पहले पर्यावरणीय जांच की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री ने तुरंत संज्ञान लिया और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा वनविभाग से इस पर रिपोर्ट मांगी।
नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराने का आरोप
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चंद्रपुर कार्यालय ने 29 नवंबर 2024 को पोतराजे के पत्र का जवाब दिया। इसमें उल्लेख किया गया कि घुग्घुस में प्रदूषण की समस्या नगर परिषद की अनदेखी और असंगठित प्रयासों के कारण बढ़ी है। इसमें यह कहा गया कि घुग्घुस में खुले में घरेलू कोयला जलाया जाता है और सड़कों की सफाई ठीक से नहीं की जाती, जिससे प्रदूषण बढ़ता है।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि जब लगभग हर परिवार के पास गैस सिलिंडर मौजूद हैं, तो प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी कोयला जलाने का आरोप किस आधार पर लगा रहे हैं। यादव ने इस बारे में 2024 में सर्वेक्षण करने का दावा भी किया है, लेकिन यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि इस सर्वेक्षण में किसे जिम्मेदार ठहराया गया और क्या निष्कर्ष निकाले गए।
लॉयड्स मेटल्स की स्थिति और प्रदूषण की समस्याएं
लॉयड्स मेटल्स के मामले में, प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पहले ही कई गंभीर समस्याओं की पहचान की थी। 26 जून 2024 को, प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने लॉयड्स मेटल्स को कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसके बाद फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण में यह सामने आया कि टायर धोने की प्रक्रिया से निकलने वाले गंदे पानी के लिए कोई पुनः उपयोग की व्यवस्था नहीं की गई थी, और यह पानी सीधे फैक्ट्री के पास बहा दिया जा रहा था।
इसके अलावा, कच्चे माल को खुले में रखा गया था और उस पर पानी का छिड़काव करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। फैक्ट्री के रास्तों पर धूल का अंबार था, और धुएं और धूल के कारण वातावरण में प्रदूषण फैल रहा था। यही नहीं, वीज़ निर्माण के लिए प्रयुक्त सांडपानी को बिना किसी उपचार के सीधे खुले तालाब में डाला जा रहा था।
इसके बावजूद, जब केंद्रीय मंत्री के पत्र का जवाब दिया गया, तो प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन समस्याओं पर कोई गंभीर चर्चा नहीं की और घुग्घुस नगर परिषद को प्रदूषण का दोषी ठहराया। यह कदम कई सवालों को जन्म देता है, और अब यह देखना होगा कि इस मामले में और क्या कार्रवाई की जाती है।
प्रतिक्रिया
मनोज पोतराजे, अध्यक्ष स्वराज्य रक्षक सामाजिक संस्था, ने कहा, “केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने मेरी संस्था द्वारा भेजे गए पत्र का संज्ञान लेकर त्वरित जांच का आदेश दिया था। लेकिन महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के स्थानीय अधिकारी केंद्रीय मंत्री को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदूषण के लिए घुग्घुस नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो कि एक गंभीर मामला है। हम इस पर कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।”
निष्कर्ष
यह मामला प्रदूषण नियंत्रण मंडल की नाकामी और घुग्घुस में प्रदूषण के नियंत्रण में असफलता को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं। प्रदूषण के मुद्दे पर स्पष्टता और जिम्मेदारी की जरूरत है, ताकि घुग्घुसवासियों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन मिल सके।