अल्लू अर्जुन विवादों में: ‘पुष्पा 2’ स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ से महिला की मौत, अभिनेता को 14 दिन की जेल..
हैदराबाद ब्यूरो
दि. 13 डिसेंबर 2024
पुरी खबर:- साउथ सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पुष्पा 2’ की रिलीज के साथ गंभीर विवाद में फंस गए हैं। हैदराबाद के संध्या थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई। इस घटना के बाद अभिनेता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना तब हुई जब अल्लू अर्जुन बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के संध्या थिएटर पहुंचे। उनकी उपस्थिति की खबर सुनकर बड़ी संख्या में प्रशंसक वहां इकट्ठा हो गए। इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। इससे एक महिला की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
थिएटर प्रबंधन ने घटना से पहले पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। बावजूद इसके, इस तरह की त्रासदी ने सुरक्षा इंतजामों और आयोजन प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अल्लू अर्जुन की कानूनी दलीलें
इस घटना के बाद चिक्कडपल्ली पुलिस ने अल्लू अर्जुन और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया। अभिनेता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR खारिज करने की मांग की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। पुलिस ने दावा किया है कि अल्लू अर्जुन की अचानक उपस्थिति के कारण ही यह भगदड़ हुई।
प्रश्न और विवाद
- अल्लू अर्जुन की भूमिका:
क्या अल्लू अर्जुन की अचानक उपस्थिति घटना के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है, या यह सुरक्षा व्यवस्था की विफलता का मामला है? - थिएटर प्रबंधन:
थिएटर ने पुलिस को सुरक्षा की जरूरत बताई थी, लेकिन क्या इसे लेकर पर्याप्त कदम उठाए गए? - पुलिस की चूक:
अगर पुलिस को पहले से जानकारी थी, तो पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?
कोर्ट में भारी सुरक्षा
अल्लू अर्जुन को 11 दिसंबर को हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट में पेश किया गया। घटना को लेकर तनाव को देखते हुए कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि बड़े स्टार्स के किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा प्रबंधन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बड़े स्टार्स के अचानक सार्वजनिक रूप से पहुंचने से ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
यह घटना न केवल सिनेमा प्रेमियों के लिए एक दुखद संदेश है, बल्कि आयोजकों और प्रशासन के लिए भी जिम्मेदारी का सवाल उठाती है।