महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार: महायुती सरकार में BJP, शिवसेना और NCP के नेताओं को अहम जिम्मेदारी..
महाराष्ट्र
दि. 13 डिसेंबर 2024
मुम्बई ब्यूरो
पुरी खबर :- महाराष्ट्र में 2024 विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुती सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार अंतिम चरण में है। इस विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (शिंदे गुट), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-अजित पवार गुट) के नेताओं को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि कुल 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, जिसमें BJP के 21, शिवसेना के 12, और NCP के 10 मंत्री होंगे।
महत्वपूर्ण विभागों का बंटवारा
सरकार के सूत्रों के अनुसार, प्रमुख विभागों का बंटवारा पहले ही तय हो चुका है:
- BJP: गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय, निर्माण, ऊर्जा, सिंचाई, कौशल विकास, और आदिवासी विकास जैसे विभाग अपने पास रखेगी।
- शिवसेना (शिंदे गुट): शहरी विकास, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, खनन, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे विभाग संभालेगी।
- NCP (अजित पवार गुट): वित्त एवं योजना, खाद्य आपूर्ति, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और खेल जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभालेगी
बड़े चेहरे और नई जिम्मेदारियां
- अजित पवार: वित्त विभाग की मांग कर रहे हैं, हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस इसे अपने पास रखने पर विचार कर रहे हैं।
- एकनाथ शिंदे: शहरी विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
- अन्य बड़े नाम: संभावित मंत्रियों में सुधीर मुनगंटीवार, नितेश राणे, धनंजय मुंडे, अशिष शेलार, और भरत गोगावले शामिल हैं।
राजनीतिक संतुलन पर ध्यान
इस मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का खास ख्याल रखा गया है। हर पार्टी को प्रमुख विभागों के साथ संतुलन बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। महायुती सरकार को स्थिर और प्रभावी शासन देने के लिए यह विस्तार बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राज्य के लिए बड़ी योजनाओं की तैयारी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया है कि नई सरकार का फोकस बुनियादी ढांचे के विकास, महिला कल्याण, और किसानों के लिए योजनाओं पर रहेगा। “जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना हमारी प्राथमिकता है,” उन्होंने कहा।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकार के भविष्य की योजनाओं की दिशा भी तय करेगा। महायुती के तीन बड़े दलों के नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखते हुए विभागों का बंटवारा चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इस विस्तार ने राज्य के विकास की नई संभावनाएं जगाई हैं।
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