बतुकम्मा देवी उत्सव समिति द्वारा भव्य सद्दुला पंडुगा का आयोजन..

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बतुकम्मा देवी उत्सव समिति द्वारा भव्य सद्दुला पंडुगा का आयोजन

मा.ना.डाॅ.सुधीर मुनगंटीवार वने, सांस्कृतिक कार्य व मत्स्य व्यवसाय मंत्री तथा पालक मंत्री जी की प्रमुख उपस्थिति

तेलुगू भाषीक समुदाय का तेलंगाना राज्य का सबसे बड़ा त्यौहार

 

चंद्रपुर/महाराष्ट्र 

दि. 11 अक्टूबर 2024

रिपोर्ट : अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क 

बल्लारपूर : प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी बतुकम्मा देवी उत्सव समिति, बल्लारपूर की ओर से स्थानीय गणपति विसर्जन घाट, संपवेल पंप किल्ला वार्ड, वर्धा नदी के पास बल्लारपूर में 10 अक्टूबर को शाम 7 बजे से रात भर बतुकम्मा महोत्सव सद्दुला पंडुगा ( त्योहार ) मनाया गया. सभी तेलुगू समाज महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि मा.ना.डाॅ.सुधीर मुनगंटीवार वने, सांस्कृतिक कार्य व मत्स्य व्यवसाय मंत्री तथा पालक मंत्री ने बतुकम्मा देवी व दुर्गा देवी का पुजान किया सभी तेलुगू भाषीयों को बतुकम्मा देवी सद्दुला पंडुगा (त्योहार) का शुभांकांक्षालु तेलुगू भाषा में संवाद किया।
इसके बाद बतुकम्मा देवी सद्दुला पंडुगा त्योहार शुभदायक गुन-गान में सम्मिलित होकर बतुकम्मा देवी का आशीर्वाद लिए. बतुकम्मा देवी गीतों के साथ सुधीर मुनगंटीवार ने पारंपरिक नृत्य किया हैं.
यह आयोजन विगत 31वा वर्षों से मनोहर दोतपेल्ली के अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है.

बतुकम्मा तेलंगाना राज्य का सबसे बड़ा धार्मिक श्रध्दा का त्योहार है. परंपरा और इतिहास से भरपूर यह नौ दिवसीय उत्सव एक खुशी का अवसर सद्दुला पंडुगा है.
महाराष्ट्र के अनेक जिलों में खासकर औद्योगिक क्षेत्र मे तेलुगु भाषिक की संख्या बढ़ी मात्रा में है. बतुकम्मा एक तेलुगु शब्द है, जिसमें ‘बतुकु’ का अर्थ है ‘जीवन’ या ‘जीवित.’ यह जीवन शक्ति और अस्तित्व को दर्शाता है. बतुकम्मा देवी का मुख्य आकर्षण सुंदर सुंदर फूलों से सजाया गया । महिलाएं इन जीवंत और रंगीन पुष्प व्यवस्थाओं को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मौसमी फूलों का उपयोग किया हैं. यह देवी गौरी का प्रतीक है. बतुकम्मा देवी गीत गाते हैं और पारंपरिक नृत्य किया हैं. इस कार्यक्रम में हरीश शर्मा अध्यक्ष भाजपा जिला ग्रामीण, शहर के गणमान्य नागरिक व व्यापारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोहर दोतपेल्ली,रवि अनुसुरी, मनिष रामिल्ला, महेंद्र रेड्डी, शांति कुमार गिरमिल्ला,किसन देवराज,राजकुमार मुत्युलवार, राजन्ना इरगुराला, गोपाल रेड्डी,कनकय्या गांगुला, प्रभाकर कनकुटला, श्रीनिवास चेरकुतोटा,जयराज खंडे,येल्लय्या दासरप,प्रकाश दोतपेल्ली,विनोद दासरवार, दुर्गराज आरेकर,सतीश कनकम आदि उपस्थित थे .

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