मेरे बच्चे की मौत कि जिम्मेदार “सिर्फ और सिर्फ” डॉ अभिलाषा गावतुरे हि है.?

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मेरे बच्चे की मौत कि जिम्मेदार “सिर्फ और सिर्फ” डॉ अभिलाषा गावतुरे हि है.?

फर्यादी रवी मुरकुटे – मेरे बच्चे को न्याय दो – 

चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 25 जुन 2024
रिपोर्ट : रमाकांत यादव संवाददाता, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क 

पुरी घटना :- चंद्रपुर जिले में आए दिन डॉक्टरों पर आरोप लगते रहे है.! कभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर तो कभी प्रायवेट हास्पिटल पर, परीजनो द्वारा लापरवाही के डाक्टरों पर आरोप, प्रत्यारोप लगाए जाते है. जिले में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जिसका कारण बताया जाता है. यहाँ पर स्थापित उद्योग और उन उद्योगो के कारण हो रहे प्रदुषण से आम नागरिको को दमा, गले में इन्फेक्शन और गले का कैसरा जसी बडि बिमारीया चंद्रपूर जिले को अपना घर बनावे हुए है.

मरीजो की संख्या में इजाफा होने के साथ साथ चंद्रपुर शहर में अस्पतालो की संख्या में बडि मात्रा में इज़ाफ़ा हुआ है, बिमारियों का माहेर घर कहे जाने वाले चंद्रपुर में इलाज के नाम पर लुटे जाने और लापरवाही करने के आरोप यहां के अस्पतालो पर मरीजों के परीजनो के द्वारा लगाए जाते रहे हैं. ऐसा हि मामला बिते रविवार को सामने आया है.

बता दें बिते रविवार 16 जुन की सुबह 8: 00 बजे के दरम्यान बालाजी वार्ड के रवी मुरकुटे के जुड़वां बेटे मे से एक श्री मुरकुटे को अचानक से गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी. अचानक से बच्चे की तकलीफ़ देख माता पिता ने श्री मुरकुटे को चंद्रपुर शहर में स्थित अपने फैमिली डॉ अभिलाषा गावतुरे के यहां पर इलाज के लिए दाखिल किया. दाखिल करने के बाद डाक्टर अभिलाषा गावतुरे को बताया गया की मेडम हमारे घर में रात के समय बेड पर “मनियार” (करैत) नाम का सांप चढ़ा था और वह मेरे पैर से गुजर कर जा रहा था की मेरा ध्यान सांप पर गया और हमने सर्प मित्र को बुलाकर उसे पकड़ा है, हमें अंदेशा है की बच्चे को उसी सांप ने काटा होगा. पर डॉ अभिलाषा गावतुरे ने पिता की बातों को गंभीरता से नही लिया और माता पिता को डांटते हुए कहा की बच्चे को कुछ नही हुआ है. “सिर्फ गले में खराश है” वह ठिक हो जाएगा . आपको क्या समझता है “आप डाक्टर है की मै”  ऐसा डांटते हुए कहा

डॉ अभिलाषा गावतुरे ने माता पिता को चुप रहने के लिए कहा पर बच्चे की हालत और खराब होने लगी और वह तड़प रहा था तभी बच्चे के पिता रवी के पड़ोस में रहने वाले देवतडे ने भी डॉ अभिलाषा गावतुरे को सांप काटने की बात कही पर डॉ अभिलाषा गावतुरे उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और बच्चे को नर्सो के हवाले के अपने पालतू कुत्ते को लेकर टहलने चली गई.

 

हॉस्पिटल स्टाफ की जिम्मेदारी पर बच्चे को छोडा..!

  • इसी दौरान श्री की तबीयत में सुधार आने के बजाय हालत और खराब होने लगी. अपने बच्चे की तबीयत बिगडती देख पिता को रहा नहीं गया और उन्होंने डॉ अभिलाषा गावतुरे को पुनः बच्चे को देखने के लिए आग्रह किया, पर डॉ अभिलाषा गावतुरे ने हास्पिटल में स्थित नर्स को इलाज करने के लिए कहा और खुद अपने पालतू कुत्ते को लेकर टहलती रही. और एक घंटे तक वापस नही लौटी , जिसके कारण बच्चे की स्थिति और बिगड़ने लगी. हॉस्पिटल स्टाफ की जिम्मेदारी पर बच्चे को छोड़कर जाने वाली डाक्टर अभिलाषा गावतुरे के वापस लौटकर दोबारा बच्चे को देखा तो वे भी घबरा गई, और चिखते हुए नर्सेस को डांटते हुए कहा “आप लोगो ने यह क्या कर दिया” और माता पिता को रुम से बाहर जाने के लिए कहने लगी.

 

हड़बड़ी में बच्चे को डॉ वासाडे के यहां रेफर.?

  • इसी दौरान माता पिता ने देखा की उनका बच्चा शांत होकर बेड पर पड़ा है. उसके शरीर से किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही है. वही दुसरी ओर घबराई डॉ अभिलाषा गावतुरे हाथ पंप से बच्चे को आक्सीजन दे रही है, और बच्चे की छाती कौन बार बार दबा रही है.  अचानक से ऐसी स्थिति देख माता पिता घबराने लगे. कुछ ही समय बाद डॉ अभिलाषा रुम से बाहर आई और बच्चे के पिता को कहा की स्थिति नाज़ुक है, हमें बच्चे को दुसरे अस्पताल लेकर जाना होगा.

 

मशिन में सिर्फ और सिर्फ NO दिखाई पड़ रहा था.!

  • मृतक श्री के पिता ने बताया की डॉ अभिलाषा गावतुरे तुरत एम्बुलेंस बुलाया और खुद कुछ नर्सेस की मदद से बच्चे को उठाया, इसी दौरान पिता का ध्यान किसी भी प्रकार की हरकत नही कर रहे उनके बेटे श्री पर था. और देखा कि जब उनके बच्चे को उठाया जा रहा है, तब श्री का सर पुरी तरह ठिला पड़ गया था. डॉ अभिलाषा गावतुरे जल्द बाजी करते हुए बच्चे को चंद्रपुर शहर के हि डॉ वासाडे के अस्पताल स्थानांतरित किए जाने की बात कही, पिता ने बच्चे की मां को एम्बुलेंस में बैठने का आग्रह किया तो, घबराई डॉ अभिलाषा गावतुरे ने मां को एम्बुलेंस में बैठने नही दिया और कहा कि आप लोग अपने साधन से डॉ वासाडे के अस्पताल पहुंचिए. बच्चे के माता पिता और परिजन अपने साधन से डॉ वासाडे के अस्पताल पहुंचे. वहां पर बच्चे का इलाज किया जा रहा था. तभी पिता ने देखा की बच्चे के शरीर पर लगाई गई मशिने कुछ काम नहीं कर रही थी. और मशिन में सिर्फ और सिर्फ NO दिखाई पड़ रहा था. और कुछ ही समय में डॉ अभिलाषा गावतुरे ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

 

डॉ वासाडे से संपर्क करने पर डॉ वासाडे ने कहा …

  • हमारे संवाददाता द्वारा डॉ वासाडे से संपर्क करने पर डॉ वासाडे ने कहा की हमारे यहां पर जब श्री को दाखिल किया गया तब हमने उसका इलाज नही किया, उसका इलाज डॉ अभिलाषा गावतुरे हि कर रही थी आप लोगो को जो भी जानकारी चाहिए डॉ अभिलाषा गावतुरे हि बताएगी. ऐसी जानकारी देते हुए डॉ वासाडे ने घटना से अपना पल्ला झाड़ा है.?

डॉ अभिलाषा गावतुरे से सम्पर्क किया गया..

  • डॉ अभिलाषा गावतुरे से घटना की जानकारी लेने पर डॉ गावतुरे ने कहा कि इस विषय मे मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि हमने बच्चों के लिये जो-जो जरूरी ट्रीटमेंट करना चाहिए था वह सारी ट्रीटमेंट की है. हमें नहीं लगता हमने बच्चों को बचाने मे कोई कोर कसर छोड़ी है. बच्चा जाने का दुख मुझे भी है और जिंदगी भर रहेगा, क्योंकि वह मेरा पुराना पेशेंट था. वह दोनों जुड़वां भाई मेरे तरफ आते थे. मुझे भी जुड़वा बहने हैं जुड़वा-भाई बहन खोने का दर्द क्या होता है मैं अच्छी तरह जानती हूं. ऐज ए डॉ मुझे जो जो करना चाहिए था वह सारी हमने की है.

पिता द्वारा लगाए आरोप पर पुछे जाने पर डॉ अभिलाषा गावतुरे ने बताया कि हम भी पीएम रिपोर्ट के आने का इन्तजार कर रहे है. पिएम रिपोर्ट आने के बाद आपको सारी जानकारी दी जाएगी.