अवैध रेत परिवहन का कहर 1 की मौत

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अवैध रेत परिवहन का कहर 1 की मौत
 
पूर्व पार्षद ट्रैक्टर मालिक के साथ मिलकर अवैध रेत ढुलाई 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र

दि .04 मार्च 2024

रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
 
पूरी खबर:-चंद्रपुर चिमूर-वरोरा राष्ट्रीय महामार्ग पर शेडगांव के पास अवैध रेत परिवहन कर रहे ट्रैक्टर व ट्रक के बीच भिड़ंत हो गई. इस हादसे में ट्रैक्टर पर बैठे मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. हादसा शनिवार, 2 मार्च की मध्यरात्रि करीबन 1:30 बजे हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार ट्रक वरोरा से चिमूर आ रहा था, जबकि ट्रैक्टर क्रमांक एमएच -34 एपी-2926 रेत भरकर चिमूर से खड़संगी की ओर जा रहा था. तभी ट्रक और ट्रैक्टर की टक्कर हो गई और रेत परिवहन कर रहे ट्रैक्टर में बैठे मजदूर की मौत हो गई. मृतक मजदूर का नाम सचिन रामदास सोनवणे (उम्र 25) है, जो बंदर का निवासी है. 2 साल से चिमूर में ट्रैक्टर पर काम कर रहा था. कहा जाता है कि यही शख्स घर का कमाने वाला है और उसके पीछे मां, पिता और दो बहनों का परिवार है. उनके पिता का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है. आधी रात को घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस सहायक चवरे, मानकर, अवधूत, पुलिसकर्मी पहुंचे और पंचनामा बनाकर दोनों चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और चिमूर पुलिस गिरफ्तार कर आगे की जांच कर रही है. वर्तमान में तहसील में अवैध यातायात बड़े पैमाने पर है और राजस्व प्रशासन ने अपनी आंखों के सामने वित्तीय गणित को सामने रख आसानी से इस ओर नजरअंदाज कर रही है चिमूर तहसील में उमा नदी के किनारे के गांवों में दिन भर रेत के ट्रकों की आवाजाही लगी रहती है. रात में चोरी से रेत गांवों में और ठेकेदार की साइट पर डंप कर दी जाती है
राष्ट्रीय महामार्गों पर काम दुर्घटनाओं को न्योता चिमूर वरोरा राष्ट्रीय महामार्ग का काम पिछले छह-सात साल से चल रहा है. तहसील से जिले के कई सरकारी कामों के लिए आने-जाने में यात्रियों को कसरत करनी पड़ती है, इसलिए बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस साल दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, संबंधित विभाग के साथ- साथ संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द चिमूर-वरोरा महामार्ग के काम पर ध्यान देना चाहिए.
 
आर्थिक सहायता के लिए कुछ देर रहा तनाव 
इस समय, शव को विच्छेदन के लिए चिमूर उपजिला अस्पताल ले जाया गया, तो मृतक के परिवार के सदस्यों ने सख्त रुख अपनाया कि जब तक ट्रैक्टर मालिक से वित्तीय सहायता नहीं मिलती, वे शव नहीं उठाएंगे. इससे कुछ देर तक अस्पताल परिसर में तनाव की स्थिति रही. कुछ देर बाद ट्रैक्टर मालिक ने 1 लाख रुपये नकद दिए और कहा है कि आठ दिन में 50 हजार रुपये देंगे. फिर शव को उठाकर मृतक के गांव ले जाया गया और आगे की जांच चिमूर पुलिस कर रही है. लोगों में इस बात की खूब चर्चा है कि चिमूर नगरपालिका का एक पूर्व पार्षद ट्रैक्टर मालिक के साथ मिलकर अवैध रेत परिवहन का कारोबार कर रहा है.