अक्टूबर से रेती उत्खनन बंद, जिससे निर्माण काम बाधित,
हजारों हुए बेरोजगार, हाथ पर हाथ धरे बैठी है सरकार
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि .01 मार्च 2024
रिपोर्टर :- रमाकांत यादव जिल्हा प्रतिनिधि ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पूरी खबर:-चंद्रपुर रेती उत्खनन बंद रहने से संबंधित सिविल के सारे काम बंद है। कुछ वही काम शुरू है जिनके पास पहले से रेती का स्टॉक रहा है अथवा चोरी चुपके नाला नदी के अवैध रूप से रेती का ढुलाई कर मंगाया जाता रहा है। जानकारी अनुसार चोरी चुपके रेती उत्खनन कर बेचने वाले भी बहुत कम हो गया है। ऐसे में निर्माण काम से जुड़े सारे काम बंद है। इसकारण इस व्यवसाय से जुड़े सैकडों ट्रंकों, ट्रक्टरों के मालिक और ड्राइवर, ईंट भट्ठे पर काम करने वाले कामगारों, हजारों मिस्त्री, हेल्पर मजदूर का काम बंद है।
5 महीने से रेती उत्खनन बंद
रेती उत्खनन पिछले वर्ष अक्टूबर 2023 से ही बंद है। 5 महीने हो गया है और अभी भी निश्चित नहीं है कि कब से शुरू होगा। नियमानुसार हर वर्ष 10 जून से बारिश होने तक रेती उत्खनन बंद रखना पड़ता है। अभी इस वर्ष रेती उत्खनन शुरू ही नहीं हुआ है। तीन महीने में जून आ जायेगा। तो क्या साल में मात्र 3 महीने ही रेती उत्खनन होगा? ऐसे में रेती की काला बाजारी बढ़ेंगी। कीमत बढ़ जाएगा।
पर्यावरण मंजूरी के इंतजार
जानकारी अनुसार पर्यावरण मंजूरी मिलने में देरी होने से रेती उत्खनन की आगे की प्रक्रिया नहीं हो पा रहा है। पिछला रेती उत्खनन का ठेका 30 सितंबर 2023 को बंद हो गया तो उसके बाद 5 महीने तक पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं मिली? पक्ष प्रतिपक्ष के नेताओं क्या कर रहे है? विधायक और मंत्री पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं दिलवा पा रहे हैं। गरीब मजदूरों को चिंता करने वाले नेतागण मौन क्यों है?
हजारों लाखों हुए बेरोजगार
सरकार के रेती उत्खनन के प्रति गलत नीतियों और लेटलतीफी लालफीताशाही के कारण सिविल निर्माण कार्य से जुड़े दुर्गापुर उर्जानगर सहित आस पास के बस्तियों के सैकड़ो, जिले में हजारों और राज्य में लाखों मजदूरों के हाथ का काम छीन गये। रेती बंद होने से सैकड़ों मकानों के काम अधूरा पड़ा है। ग्रामपंचायतों, जिला परिषद और सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कंक्रीट रोड और नाली का काम अधूरा पड़ा हुआ है। अनेकों जगहों पर नाली निर्माण के लिए घरों के सामने मिट्टी खुदाई कर दी गई परन्तु रेती नहीं रहने से कंक्रीट का काम नहीं हो रहा है। पहले नाली नही रहने से दिक्कत हो रही थी। अब नाली निर्माण करने के लिए मिट्टी खुदाई कर देने से पहले से ज्यादा दिक्कतें हो रही है। घर के दरवाजे के सामने में महीना भर से मिट्टी खुदाई कर के छोड़ देने से बाहर निकलने में दिक्कतें हो रही है।
घर से बाहर आने जाने में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को गिरने के डर बना रहता है। वाहनों को घर से बाहर ही सड़कों पर रखने पड़ रहा है। नाली निर्माण के लिए मिट्टी खुदाई कर के छोड़ देने से गंदा पानी घर के पास ही जमा हो रहा है। इससे बदबू, मच्छरों के प्रकोप जैसे स्वास्थ्य समस्याएं उतपन्न हो रहा है