धूल उड़ाना बंद करो, वर्ना बंद करा देंगें पावर प्लांट
पालकमंत्री- सुधीर मुनगंटीवार
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि . 06 जनवरी 2023
रिपोर्ट:- कामताकुमार सिंह/दुर्गापुर सवांददाता-
पुरी खबर :- ग्राम पंचायत उर्जानगर वार्ड नं. 5 और 1 के बीच के बस्ती से कोयले ढुलाई करने के लिए बने 2 रोपवे ट्रॉली के वजह से 20 हजार लोंग धूल और ध्वनि प्रदूषण से बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। रोपवे ट्रॉली और बंकर 30 से 35 वर्ष पुराना है। शुरू शुरू में में प्रदूषण कम आया करता था। जैसे जैसे पुराने होते जा रहा है। धूल और ध्वनि प्रदूषण बढ़ते जा रहा है।
कोयले के धूलों से परेशान लोंगो ने एक सप्ताह पहले अभियांत्रिकी महाविद्यालय नियामक मंडल के अध्यक्ष व क्षेत्र के भाजपा प्रभारी रामपाल सिंह को धूल समस्या से अवगत करवाया था। उसके बाद रामपाल सिंह ने गुरुवार के शाम को अपने नेतृत्व में नेरी, वेंडली और कोंडी के 50 महिलाओं व पुरुषों का नियोजन भवन में पालक मंत्री सुधिर मुनगंटीवार के साथ बैठक आयोजित करवाई। कोयले के धूलों का प्रदूषण बढ़ाने वाले संबंधित दोनों विभागों सिटीपीएस और वेकोलि के अधिकारियों को भी बुलाया गया था।
रामपाल सिंह सहित गांववासियों के द्वारा कोयले के धूलों के कारण हो रही परेशानी से संबधित पालक मंत्री सुधिर मुनगंटीवार ने व्यथा सुनी तो सिटीपीएस के मुख्य अभियंता पर भड़क उठें। पालकमंत्री ने कहा कि मुख्य अभियंता साहेब आप पैसा बचाना चाहते हैं और मैं लोंगो का जीव बचाना चाहता हूं। धूल उड़ाना बंद कीजिए अन्यथा पावर प्लांट बंद करा दिया जाएगा। अब वह समय चला गया जब सरकारी बिजली कंपनियों की मनमानी चलती थी। तब कोई दूसरा विकल्प नहीं था। अब कम पैसे में निजी कंपनियां बिजली देने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो
- मुनगंटीवार ने रामपाल सिंह सहित उपस्थित लोंगो से कहा कि जबतक की हल नहीं हो जाता तबतक लगातार प्रयास करते रहें। उन्होंने सिटीपीएस को निर्देश दिया कि कोयले धूल रोकने के लिए नए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। जबतक कोई नया स्थाई विकल्प नहीं बन जाता तबतक फॉगिंग, स्प्रिंकलर जैसे संयंत्रों का उपयोग करें। किसी भी हालत में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो। पैसे की फिक्र ना करें, विकल्प का तलाश करें।
कलेक्टर साहेब करेंगे दौरा
- मुनगंटीवार ने जिलाधिकारी से मुखातिब होकर कहा कि आप और प्रदूषण विभाग के अधिकारियों जल्द दौरा कर के मेरे पास अहवाल पेश करें। यथाशीघ्र सही और उचित विकल्प तलाशें। उन्होंने एक बार फिर से सिटीपीएस को धमकाया कि जरूरत पड़ने पर सिटीपीएस प्लांट को बंद कर देंगे, परन्तु लोंगो के जीव के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। ऐसे भी सिटीपीएस प्लांट की बिजली उत्पादन महंगा पड़ रहा है। यहाँ कार्यरत कर्मचारियों का नुकसान ना हो, सिर्फ इसकी फिक्र है। परन्तु गांववासियों के जीवन के साथ भी धोखा नहीं होनी चाहिए।
रोपवे बंद ही एकमात्र विकल्प
- 20 हजार लोंगों को कोयले के धूल से राहत दिलवाना है तो दोनों रोपवे को बंद करना ही एक मात्र विकल्प है। सिटीपीएस रोपवे से कोयले ढुलाई करवाने के बजाय पूर्व में पदमापुर खदान से होने वाले कोयले की ढुलाई वाला रास्ते को अपनाया जाए तो सिटीपीएस, वेकोलि और जनता तीनों पक्षों को राहत मिल सकेगा।
मीटिंग में पूर्व जिला परिषद सदस्य विलास टेंभुरने, पूर्व जिला परिषद सदस्या वनिता आसुटकर, नामदेव आसुटकर, उपसरपंच अंकित चिकटे, सदस्य द्वय राजू डोमकावड़े और मदन चिवन्डे, नंदु इंगडे, दीपक पाठक, वेकोलि अधिकारी फितवे, दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष उपस्थित थे।