अवैध रेत माफियाओं ने किया ग्रामीणों पर जानलेवा हमला शिव सेना ( उबाठा ) वाहतुक जिला अध्यक्ष फरार 

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अवैध रेत माफियाओं ने किया ग्रामीणों पर जानलेवा हमाला


शिव सेना ( उबाठा ) वाहतुक जिला अध्यक्ष फरार 


10 अपराधियों पर हत्या की कोशिश का गुनाह दर्ज 

 

चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 28 डिसेंबर 2023
मुख्य संपादक : अनुप यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क

पुरी खबर : जिला खनिज विभाग द्वारा जिले के रेत घाट धारकों को 31 दिसंबर तक रेत उठाव की खुली छूट दिये जाने के बाद अब रेत तस्कर मशीनों से रेत घाट से रेत उत्खनन कर करोड़ों रुपये के राजस्व को चूना लगा रहे हैं. दि. 28 डिसेंबर बुधवार को रात 1 बजे ग्रामीणों द्वारा नदीघाट में जेसीबी व पोकलेन डंप करने से रोकने पर तस्करों ने ग्रामीणों पर चाकू व लोहे की रॉड से हमला कर दिया और इस हमले में तारडा के सरपंच तरुण गंगाराम उमरे, तमुस अध्यक्ष चंद्रशेखर सुधाकर लखमापुरे गंभीर रूप से घायल हो गये। इस बीच विश्वस्त सूत्र से पता चला है कि जिला प्रशासन ने स्थानीय राजस्व प्रशासन को मौखिक निर्देश दिया है कि रेत खनन कर रहे रेत घाट धारकों को नहीं रोका जाये? इसलिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है कि ग्रामीणों को सड़कों पर उतरना पड़ा है. ताकि अवैध रेत चोरी रोका जा सके।

रात में जेसीबी और पोकलेन मशीनों का उपयोग करके ट्रैक्टरों के द्वारा स्टॉक बनाकर गोंडपिपरी तालुका के कुल्था रेत घाट के साथ विट्ठलवाड़ा घाट से रेत की अवैध रेत निकासी की जा रही है। इस बीच, जिला प्रशासन ने रेती घाट पर बचे हुए स्टॉक को उठाने के लिए दिसंबर (31) तक की अनुमति दे दी थी। हालांकि कई घाटों पर स्टॉक की कमी के कारण मिली अनुमति के आधार पर मौके का फायदा उठाकर नदी तल से रेत निकाली जा रहा है. रेत तस्करों द्वारा बड़े पैमाने पर दबंगई के साथ रेत उत्खनन का कार्य चल रहा है. नदी की तलहटी में जेसीबी, हाईवा, पोकलेन के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरपंच, तमस अध्यक्ष रेत घाट पर पहुंचे। और वहां कहा-सुनी मारपीट में बदल गई। इसी दौरान रेत तस्करों ने लोहे की रॉड और धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया. हमलावरों की पहचान कर ली गई है. वही हमलावर मौके से फरार हो गए. घायल के बयान के अनुसार रेत माफियाओं के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.  हमलावर अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आये हैं. थानेदार जीतन गंगऊ पीएसयाग घोगरे द्वारा गिरफ्तारी और आगे की जांच के लिए एक पुलिस टीम रवाना की गई है।


क्या अपर जिला खनिकर्म आधिकारी लेंगे जिम्मेदारी?

जिले के रेती घाट से रेत उठाने की अवधि 10 अक्टूबर को समाप्त होने के बाद जिला अधिकारी (कलेक्ट) ने आदेश दिया था कि शेष रेत स्टॉक सरकार का होगा और स्थानीय उपमंडल अधिकारी और तहसीलदार को मात्रा की माप करने का आदेश दिया गया था. रेत स्टॉक घाट धारकों द्वारा दिये गये फर्जी एवं अनुमानित रेत स्टॉक के अनुसार रेत स्टॉक की मात्रा मापने के बाद जिला खनिकर्म आधिकारी ने उन्हें रेत स्टॉक के उठाव की अनुमति दे दी, इसी का फायदा उठाकर रेत घाट धारकों ने नदि में रात के समय जेसीबी, पोकलेन मशीन के द्वारा चोरी से रेत का स्टाक कर रहे है. और रेत घाट धारक रेत का अवैध तरह से उठाव कर रहे हैं.! नदी के घाट और स्थानीय राजस्व प्रशासन इस पर मौन है, ग्रामीणों को इस संबंध में पहल करते हुए रात में अपनी जान जोखिम में डालकर रेत माफिया को रोका होगा ताकि नदी में मशीन से रेत न निकाली जाए. और क्या अपर कलेक्टर इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेंगे कि उन पर रेत माफिया द्वारा हमला किया जा रहा है? यह सवाल अब नागरिक पूछ रहे हैं.

 

सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार जीले में काफी दिनों से रेत के कारोबार में सक्रिय 1) स्वप्निल काशीकर 2) वैभव पेन्चे 3) शाहिल शैय्यद और 6 से 7 उसके साथियों द्वारा यह घटना को अंजाम दिया गया है.? जिसमें स्वप्निल काशीकर और अन्य फरार बताए जा रहे है. वही दो अपराधी वैभव पेन्चे, और शाहिल शैय्यद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.