अवैध रेत माफियाओं प्रशासन को ठेंगा दिखा, आदेश का रेत तस्करी में बेजोड़ इस्तेमाल.?
हजारों ब्रास रेत उठाने के बाद भी रायल्टी बची कैसे.!
अघोषित सहयोग आदेश जिला खनिकर्म विभाग
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि. 21 डिसेंबर 2023
रिपोर्ट :- अनुप यादव ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क
पुरी खबर :- चंद्रपुर जिले में इन दिनों अवैध मुरुम रेत माफियाओं का मनोबल सातवें आसमान पर है. वहीं इनके अघोषित सहयोग में जारी किए गए आदेश से जिला खनिकर्म विभाग की चर्चा का माहौल गर्म है. सीधे तस्करी को बल दिए जाने वाले आदेश से प्रशासन के राजस्व में डैकैती जैसा प्रतित हो रहा है? जहां आज पुरे जिले में रेत के घाटों को सरकार द्वारा चलाया जाएगा वहीं अभी कुछ दिन पुर्व हि जिला खनिकर्म आधिकारी सुरेश नेताम ने रेत धारको की बच्ची रायल्टी की चिन्ता करते हुए और अपनी सहानुभूति दिखाते हुए इन रेत घाट धारको का आर्थिक नुकसान ना हो इसलिए उनके पास बची रायल्टी का इस्तेमाल करने के लिए पुनः बचा हुआ रेत (स्टाक) भंडारण उठाने के आदेश देकर सरकार की तिजोरी में अनजान इजाफा किया है.?
मौका प्राप्त रेत के घाट धारक पुरे तांफे के साथ अपने काम में लग गए है. जिसमे आदेश का फायदा उठाते हुए गोंड पिपरी रेत तस्करी को अंजाम देने की नाकाम कोशिश हुई है. जिसमें गोडपिपरी के एस डी एम (SDM) ने नदी में अवैध उत्खनन कर रही मशीन जप्त की थी. पर बाद में मशीन बंद होने का हवाला देते हुए छोड़ दिया था? जिससे यह साबित भी होता है की खनिकर्म अधिकारी नैताम द्वारा जारी आदेश से नदीयो में मशीनें पहुंच चुकी है?.और मौका परस्त मौका देख रेत की तस्करी कर रहे है? वही जिला खनिकर्म आधिकारी के आदेश का सहारा लेकर सरकार का करोड़ो का राजस्व डुबोया जा रहा है.! माना जा रहा है यह घटना सिर्फ गोडपिपरी में ही नही हो सकती है. ऐसी ही घटनाए और भी रेत घाटों पर जारी है.! पर मामले की जांच करने वाले अधिकारी और कर्मचारी अपने पाकेट भरने में व्यस्त दिखाई पड़ते हैं.?
1 सौ 40 करोड़ के देश में मनुष्य बल की कमी.?
- आज भारत देश की आबादी 1 सौ 40 करोड़ होने के बाद भी खनिकर्म विभाग में मनुष्य बल की कमी है. खनिकर्म विभाग में बैठे गीनती के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों को बाहर कार्यवाही करने के लिए साहब का आदेश चाहिए.
- यहां पर निरीक्षण की मौजूदगी होने के बाद भी बगैर साहब सुरेश नेताम के आदेश के निरीक्षक का अधिकार निरस्त नजर आता है? जिले में जगह जगह रेत के भंडारण होने के बाद भी निरीक्षक आफिस में कलम चलाने में मस्त हैं.! पेमेंट निरीक्षक का और काम कर्मचारी का?
यहां तो साहेब के आदेश के बगैर पत्ता भी नही हिलता जैसी बात हो गई है.?
ऐसा कबतक चलेगा सरकारी तिजोरी की डकैती कब थमेग.?
अपने कर्तव्य को भुल चुके अंजनी पुत्रों को उनकी शक्तियां कौन याद दिलाएगा.?