चंद्रपुर जिले में तहसीलदार द्वारा पकड़े वाहन को रेत तस्करो ने किया गायब..

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चंद्रपुर जिले में तहसीलदार द्वारा पकड़े वाहन को रेत तस्करो ने किया गायब..
अवैध रेत माफियाओं पर रिसर्च जारी.!
 
चंद्रपुर/महाराष्ट्र
दि.18 नवंबर 2023
रिपोर्ट:- रमाकांत यादव, ग्लोबल महाराष्ट्र न्यूज नेटवर्क 
 
पुरी खबर:- चंद्रपुर जिले में अवैध कारोबार करने वालों ने गिरोह बना लिया है. चाहे वह रेत का कारोबार हो, या फिर अवैध सुगंधित तंबाकू का, वही कोयला तो जिले में काली कमाई, के नाम से मशहूर है, जिसमें काली कमाई को सफेद करने का माध्यम माना जाता रहा है. पर पिछले कुछ वर्षों से चंद्रपुर जिले में रेत के अवैध उत्खनन की चर्चा जोरों पर है. पिछले माह माननीय जिला अधिकारी ने 10 अक्टूबर को रेती घाट के स्टॉक की परमिशन खत्म कर, आखिरी तारीख तय की थी. पर आदतन मजबुर  अवैध रेत माफियाओं ने गिरोह बनाकर जिले में लगातार अवैध रेत का अवैध उत्खनन जारी रखा है. चंद्रपुर जिले की सफेद रेत विदर्भ में प्रचलित है. सफेद रेत की डिमांड जिले के आसपास के जिलों में है. इसप्रकार भंडारा, नागपुर, वर्धा और यवतमाल ऐसी कई जिले हैं. जहां चंद्रपुर की रेत अवैध तरह से पहुंचाई जा रही है.

शासन के आदेश की अवहेलना..!

  • चंद्रपुर जिले में जिला अधिकारी ने सभी रेत घाटों को आदेश जारी किया की, सभी घाट धारक 10 अक्टूबर 2023 तक स्टाक की गई रेत को “बेचकर” अपना स्टाक खत्म करें. यदि 10 अक्टूबर 2023 के बाद रेत परिवहन या रेत का स्टाक पाया जाता है तो, “वह प्रसासन का होगा”.  सभी तहसीलदार उनके हद में आए घाटों का आहवाल पेश करे. पर कुछ प्रशासन के विभीषण सरकार की तिजोरी भरने के बजाय लुटाने में लगे हुए हैं. इतने सीधे आदेशों के बाद भी चंद्रपुर जिले में रेत तस्करी में बने गिरोह का मनोबल सातवें आसमान पर है.
  • अवैध रेत खनन के मामले में तस्करों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होने की वजह से उनके हौसले बुलंद हैं.! आज चंद्रपुर जिले में रेत तस्जिकरी के गिरोह सक्रिय हो गए है. जिले की ही बात करें तो, यहां पर तस्कर बड़ी आसानी से सिर्फ जुर्माना पटाकर तस्करी के मामले रफा-दफा कर देते हैं। उनपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नही किया जाता है। आज नदी-नालों का लगातार दोहन हो रहा है, और सरकार की खनिज नीति और कर्तव्य निष्ठा की वजह से तस्करों के हौसले बुलंद हैं. खनिज विभाग की कार्रवाई सिर्फ जुर्माना वसूली तक सीमित रहती है? विभाग सिर्फ राजस्व वसूली का टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है?. पिछले वर्ष सरकार द्वारा चंद्रपुर जिले में छत्तीस नए पुराने घाटों को खोलने की स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी थी. खनन की संख्या बढऩे के बाद राज्य सरकार को चंद्रपुर से राजस्व की 55 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान था. यह बढोतरी जिले में रेत की कई नए खनन की टेंडर खुलने के बाद होने जा रही है.

 


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https://youtu.be/SzSzIogglOc


जिले के सबसे सुरक्षित परिसर से वाहन गायब.!

  • इसी प्रकार ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला चंद्रपुर शहर में सामने आया है. रविवार दिनाक 12 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे के आसपास सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया गया है. जिसमें शनिवार दिनांक 11 नवंबर की सुबह तहसीलदार के द्वारा पकड़े गए, वाहन MH32Q 9769 को, रेत तस्कर मौका देख वाहन लेकर रफू चक्कर हो गए.

 

वर्धा जिले के रेत माफिया चंद्रपुर में सक्रिय..!

  • जानकारी के अनुसार यह वाहन वर्धा जिले के RTO मे रजिस्टर्ड है. इस वाहन को 11 नवंबर की सुबह रेत की तस्करी करते समय पकड़ा गया था. 12 चक्का वाहन को तहसीलदार विजय पवार ने चंद्रपुर शहर की प्रशासकीय इमारत के पास आगे की कार्यवाही के लिए खड़ा किया था. इस पर दिनाक 11 नवंबर को शनिवार की छुट्टी होने की वजह से समय पर कार्यवाही नही की गई? जिससे वह 12 चक्का वाहन दिन भर कार्यवाही के आभाव में खड़ा रहा?  इसका फ़ायदा उठाकर वाहन मालिक तथा वाहन चालक अंधेरे की आड़ लेकर, मौका देख, वाहन लेकर फरार हो गए. हमारे संवाददाता द्वारा दिनांक 11 की शाम को तहसीलदार विजय पवार से संपर्क करने पर तहसीलदार विजय पवार ने कहा था की कार्यवाही जारी है. पर दुसरे दिन वाहन जगह पर नही होने से शहर में सनसनीखेज खेज घटना का खुलासा हुआ है. और तहसीलदार ने ने अपराधियों पर गुनाह दर्ज करने के आदेश जारी किए.