जंगली जानवरों के हमले में दो की मौत, राजनीति खूब हुई,
कोई नही गया मृतको के परिवार से मिलने
चंन्द्रपुर/महाराष्ट्र
दि.28 फरवरी 2022
रिपोर्ट:- कामताकुमार सिंह- दुर्गापुर- संवाददाता
पुरी खबर:- दो साल में 8 की जंगली जानवरों के हमले में मौत, इतनी ही संख्या में घायल भी हुए। 16 और 17 फरवरी 2022 को दो दिन में दो की बाघ और तेंदुआ के हमले में मौत ने जहाँ क्षेत्र में दहशत का वातावरण बना दिया था। वही लोंगो में जबरदस्त गुस्सा स्पष्ट दिख रहा था। विपक्ष संबंधित वन विभाग और जिलाधिकारी के साथ मीटिंग कर सिटीपीएस और बस्ती क्षेत्र में हिंसक प्राणी ना घुसे इसके लिए उपाययोजना पर विमर्श कर रहे थे। जबकि सत्तापक्ष के घटक दल मेजर गेट पर आमरण उपोषण कर जंगली जानवरों से बचाव के लिए लिखित आश्वासन की मांग कर रहे थे। आमरण उपोषण स्थल पर मंत्री, पालक मंत्री, सांसद, विधायक, कामगार संघटनों के पदाधिकारियों, विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपना अपना समर्थन देने पहुँच रहे थे, जबकि वहाँ से थोड़ी ही दूर पर स्थित मृतक के परिवार के घर जाकर उनके परिवार को सांत्वना देने नहीं जा रहे थे। यों कहें कि मृतक का घर कहाँ पर है शायद यह भी जानकारी नहीं थी।
वार्ड मेंबर डॉ. आवले का गुस्सा सही
- हिंसक जानवरों के हमले से आहत उर्जानगर ग्राम पंचायत वार्ड नं 6 के सदस्या डॉ. राजश्री आवले का गुस्सा बिल्कुल सही है। उन्होंने अपना एक बयान में कहा था कि सिटीपीएस में रात को बाघ दिखता है, जबकि मेरे वार्ड के नेरी में दिन में दिखता है बावजूद कोई सही और सटीक उपाय नहीं किया जा रहा है। भले ही आमरण उपोषण छोड़ा जा रहा है परन्तु हमें उपोषण पर बैठना पड़े तो जरूर बैठूंगी।
जिम्मेदार नेता एक्शन लेने की बजाय दूसरे कामों में लगे रहे
- हिंसक जानवरों का मानव पर हमले मानवाधिकार का हनन है। संबंधित मंत्री ,पालक मंत्री, विधायक को ऐसे समय में एक्शन लेना चाहिए था। संबधित दोषी पर कार्यवाही करने चाहिए था। परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ। दो दिन में दो की मौत जंगली जानवरों ने कर दिया परन्तु दोषी कोई नहीं। किसी की तो गलती होंगी। कोई तो लापरवाही किया होंगा।
रोज दर्जनों लोंग बाघ- तेंदुआ का दर्शन कर रहे
- दो दिन में दो व्यक्ति की हिंसक प्राणियों द्वारा जान लेने के बाद भी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। झुडपी हटाने का काम अवश्य कुछ हुआ है। पूर्व की भाँति इस बार भी पिंजरे लगाए गये है। लेकिन पिंजरे में जंगली जानवर तब फंसेंगे जब बाहर में बाघ और तेंदुए को शिकार नहीं मिले। ज्ञात हो कि क्षेत्र में कुत्ते का भरमार है। ग्राम पंचायतों के कचरे की डंपिंग पर कुत्तों सहित अन्य जानवर भरपूर मात्रा में मिल जाता है। ऐसे में बाघ तेंदुआ वहाँ पहुँचकर अपना पेट भर लेता है। उसके बाद क्षेत्र में मटरगस्ती करते रहता है। इस कारण आते जाते कई राहगीर बाघ और तेंदुआ को न सिर्फ देखते है अपितु कुछ निडर व्यक्ति मोबाइल से वीडियो भी बनाते है।
क्षेत्र के कई वीडियो वायरल
- हर दिन क्षेत्र के किसी न किसी जगह का तेंदुआ- बाघ का वीडियो – फोटो अनेकों ग्रुपों में वायरल हो रहे है। इन्हीं वायरलों में एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो कुछ व्यक्तियों ने बैठा हुआ तेंदुआ का लाइव वीडियो तैयार करते हुए अपने दोस्तों को खबर करता है कि आ जावों तो तुमको भी तेंदुआ दिखाता हूँ।
जंगली जानवर सिविलियन क्षेत्र में कैसे क्या अड्डा बनाया
- सिविलियन क्षेत्र में तेंदुआ, बाघ और भालू ने अपना अड्डा कोई एक दिन में नहीं बनाया है अपितु वर्षों से अड्डा बनाते रहा और वन विभाग, सिटीपीएस और वेकोलि प्रबन्धक अपने अपने कामों में व्यस्त रहें। इधर झुडपी जंगल भी अपनी जाल तेजी से बढ़ाते रहा। गैर पालतू जानवरों की संख्या भी तेजी बढ़ते रहा। ऐसी स्थिति में बाघ और तेंदुए के लिए यह क्षेत्र सुरक्षित लगने लगा। प्रजनन द्वारा दिन प्रतिदिन उनकी संख्या बढ़ती गयी। खाने, पीने और रहने सब कुछ यहाँ मिल ही रहा था इसकारण अपने क्षेत्र को और विस्तार करते हुए बस्ती तक पहुँचने लगा।
यहाँ से भगाने और जंगल से आने से रोकने की जरूरत
- जंगली जानवरों को मारने पर रोक लगी है। इससे वे भली भांति वाकिफ है। जंगली जानवरों को पकड़ने और जो पकड़ में नहीं आता उसे फटाखा छोड़कर भगाने की जरूरत है। बस्ती से लगे जंगल क्षेत्र को गढ़ा बनाकर , ऊची कटीला तार अथवा कटीला झाड़ लगाकर जंगली जानवरों को रोकने की जरूरत है। हर हाल में जंगली जानवरों को रिहायसी और औद्योगिक क्षेत्र में आने से रोकने के लिये उसे हतोस्तहित करने से ही जंगली जानवरों से निजात पाई जा सकती है।
पिछले 2 वर्ष में 8 को जंगली जानवरों ने मारा
- 2 वर्ष में इस क्षेत्र में 8 लोंगों की जान हिंसक प्राणियों के द्वारा हुआ। जिसमे 2 की सिटीपीएस परिसर में जबकि 6 की जान दुर्गापुर, नेरी,कोंडी बस्ती और वेकोलि दुर्गापुर खदान परिसर में हुई)अनेकों घायल भी हुये
17 फरवरी 22 को 16 वर्षीय राज भड़के को रात के 9 बजे दुर्गापुर के आश्रम शाला के पीछे से तेंदुआ ने उठा कर ले गया जिसका लाश दूसरे दिन मिला।16 फरवरी 22 को सिटीपीएस परिसर में भोजराज मेश्राम , 27 सितंबर 2021 को बुजुर्ग -रत्नापरखी की लाश वेकोलि दुर्गापुर क्षेत्र के जंगल में मिला था। 5 महीने पूर्व वेकोलि दुर्गापुर के एक लेबर कैम्प के पास 26 वर्षीय युवक पर बाघ ने किया था हमला जिसमें जान चली गयी थी। वेकोलि दुर्गापुर के डेढ़ वर्ष पूर्व एक युवक का लाश तेंदुआ द्वारा खाया हुआ क्षत विक्षत लाश मिला था। 2 वर्ष पहले दुर्गापुर खदान के लिये बन रहे टाइम ऑफिस के पास एक प्राइवेट चौकीदार को तेंदुआ ने हमला कर के जान ले ली थी। सिटीपीएस में एक सी आई एस एफ के जवान के 8 वर्षीय सुपुत्री को तेंदुए ने उठाकर अंदर के क्षेत्र में ले जाकर उसे मार दिया था।